30 अप्रैल 2018 को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म के अनुयायी इस दिन ...
30 अप्रैल 2018 को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म के अनुयायी इस दिन को बहुत ही खास तरह से मनाते हैं। महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक है। वैशाख मास की पूर्णिमा इस दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था। दुनियाभर के बौद्ध गौतम बुद्ध की जयंती को धूमधाम से मनाते हैं
भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे महात्मा बुद्ध :
भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बुद्धत्व या संबोधी) और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे।ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है। अपने मानवतावादी एवं विज्ञानवादी बौद्ध धम्म दर्शन से भगवान बुद्ध दुनिया के सबसे महान महापुरुष है। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। इस दिन लोग व्रत-उपवास करते हैं। बौद्ध धर्मावलंबी सफेद कपड़े पहनते हैं और बौद्ध विहारों और मठों में सामूहिक उपासना करते हैं। दान देते हैं। बौद्ध और हिंदू दोनों ही धर्मों के लोग बुद्ध पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।हिन्दू लोग भी इस दिन बहुत दान पुण्य व्रत करते है, और इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापो का नाश हो जाता है ऐसी मान्यता भी है, बौद्ध धर्म हिन्दू धर्म की ही एक शाखा है जिसके प्रवर्तक भगवान् बुद्ध स्वयं हुए जोकि भगवान् विष्णु के अवतार है
महात्मा बुद्ध का ज्ञान :
महात्मा बुद्ध ने हमेशा मनुष्य को भविष्य की चिंता से निकलकर वर्तमान में खड़े रहने की शिक्षा दी। उन्होंने दुनिया को बताया आप अभी अपनी जिंदगी को जिएं, भविष्य के बारे में सोचकर समय बर्बाद ना करें। बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनके ज्ञान की रौशनी पूरी दुनिया में फैली। महात्मा बुद्ध का एक मूल सवाल है। जीवन का सत्य क्या है? भविष्य को हम जानते नहीं है। अतीत पर या तो हम गर्व करते हैं या उसे याद करके पछताते हैं। भविष्य की चिंता में डूबे रहते हैं। दोनों दुखदायी हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आइए जानते हैं भगवान गौतम बुद्ध के 7 विचार।
1. भगवान बुद्ध ने सुखी जीवन जीने का सबसे सरल रास्ता बताया है। जो हो गया उसे भूल जाओ, भविष्य के सपने मत देखो, वर्तमान समय पर ही ध्यान लगाओ।
2. कभी भी क्रोध न करें क्योंकि क्रोध की सजा नहीं मिलती हैं बल्कि क्रोध से सजा मिलती है। इसलिए अपने जीवन से क्रोध का त्याग करें, जीवन सुखमय बनेगा।
3. किसी पर संदेह न करें। किसी पर संदेह जताने से आप लोगों से दूर होते हैं।
4. किसी दूसरों पर विजय प्राप्त करने से पहले अपने ऊपर विजय प्राप्त करें। खुद पर विजय प्राप्ति के बाद हमेशा जीत आपकी ही होगी।
5. किसी की बुराई करने से प्रेम में कमी आती है, क्योंकि बुराई से बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता।
6. एक दीपक की लौ से हम हजारों दीपक जला सकते हैं फिर भी दीपक की रोशनी कम नहीं होती है। इसलिए अपने जीवन को दीपक बनाएं और सभी को खुशियां बांटे।
7. ध्यान से अंतर्मन के सभी द्वार खुल जाते है
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