Download Here Tujhko Pukaar Rahe Aao Aao Rasiya जब भी भगत को भगवान् की याद आती है, कोई दुःख तकलीफ आती है, उसका करुण हृदय किसी संसा...
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बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
Tujhko Pukaar Rahe Aao Aao Rasiya
जब भी भगत को भगवान् की याद आती है, कोई दुःख तकलीफ आती है, उसका करुण हृदय किसी संसार के लोगो को नहीं पुकारता, भक्त का हृदय केवल हरि का ही आश्रय लेता है, वह अपने हर दुःख दर्द को ख़ुशी प्रसन्नता को केवल अपने प्रभु को याद करता है, क्योंकि एक भक्त ही जानता है की केवल और केवल भगवान् के साथ जो उसका सम्बन्ध है वही शाश्वत सम्बन्ध है, वरना संसार के सम्बन्ध तो झूठे है, नश्वर है, दुखो को देने वाले माया मोह ईर्ष्या में डालने वाले है, तो हर समय भगवान् यही पुकारा करते है,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मीरा पुकारी जब गिरिधर गोपाला,
ढल गया अमृत में विष का भरा प्याला।
कौन मिटाए उसे, जिसे तू राखे पिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
जब तेरी गोकुल पे आया दुख भारी,
एक इशारे से सब विपदा टारी।
मुड़ गया गोवर्धन तुने जहाँ मोड़ दिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
नैनो में श्याम बसे, मन में बनवारी,
सुध बिसराएगी मुरली की धुन प्यारी।
मन के मधुबन में रास रचाए रसिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
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