रासलीला : रासलीला भगवान कृष्ण के रस को चखने का अनुपम माध्यम है,बड़ी बड़ी कथाये सुनना, ज्ञान यज्ञ करना, व्रत तप करना कलियुग में बहुत मु...
रासलीला :
रासलीला भगवान कृष्ण के रस को चखने का अनुपम माध्यम है,बड़ी बड़ी कथाये सुनना, ज्ञान यज्ञ करना, व्रत तप करना कलियुग में बहुत मुश्किल है,तभी प्रभु ने केवल और केवल नाम सुमिरन को ही मुक्ति का मार्ग बतलाया है और उस से भी सहज है भगवान की लीलाओं का रसास्वादन करना जिससे न केवल नवधा भक्ति बल्कि दशवी भक्ति जो की प्रेमाभक्ति है,उसकी प्राप्ति सहज ही हो जाती है, न कोई यत्न,न कोई नियम, न कोई व्रत या तप करना पड़ता है केवल और केवल लीला दर्शन और दर्शन करते करते भावो के माध्यम से प्रभु का नैकट्य प्राप्त हो जाता है,
मोर नृत्य
आज गोपाल लिये बृजबाल,सुरास रच्यौ बंसीवट छैया।
बीन पखावज बाॅसुरि की धुनि, आनन्द सिंधु बढयौ तेहि छैया।।
भाव उठयौ हिय राधिका के, बनि मोर नचै नंदराय को छैया।
उर अन्तर जानि हिये की हरि, तहाॅ आय गयौ बनि मोर कन्हैया।।
कान्हा मोर बनि आयौ।।
देखोरी नटनागर आज नाचत है, यमुना तट पै।
बीन पखावज बांसुरी की धुन, बाज रही बंसीवट पै।
मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल, कटि काछनी कसी कटि पै।
वृंदावन हित रूप सांवरो रीझ रह्यो राधा लट पै।
कान्हा मोर बनि आयौ।।
देखोरी माई ये बडभागी मोर।
जाको मुकुट शिर धरि आए, नटवर नन्दकिसोर।।
बडभागी हम सब बृजवासी, जिन पुन्य किये भरझोर।
वृंदावन रज अब बन जाए, लागे पद की कोर।।
बरह्मादिक संकादिक नारद, नित ठाडे रहै करजोर।
सुरदास संतन को सर्वस, ये बृज को माखन चोर।।
री देखो माई ये वडभागी मोर।।
कान्हा मोर बनि आये कान्हा मोर बनि आये।
बीन पखावज बाॅसुरि की धुनि, आनन्द सिंधु बढयौ तेहि छैया।।
भाव उठयौ हिय राधिका के, बनि मोर नचै नंदराय को छैया।
उर अन्तर जानि हिये की हरि, तहाॅ आय गयौ बनि मोर कन्हैया।।
कान्हा मोर बनि आयौ।।
देखोरी नटनागर आज नाचत है, यमुना तट पै।
बीन पखावज बांसुरी की धुन, बाज रही बंसीवट पै।
मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल, कटि काछनी कसी कटि पै।
वृंदावन हित रूप सांवरो रीझ रह्यो राधा लट पै।
कान्हा मोर बनि आयौ।।
देखोरी माई ये बडभागी मोर।
जाको मुकुट शिर धरि आए, नटवर नन्दकिसोर।।
बडभागी हम सब बृजवासी, जिन पुन्य किये भरझोर।
वृंदावन रज अब बन जाए, लागे पद की कोर।।
बरह्मादिक संकादिक नारद, नित ठाडे रहै करजोर।
सुरदास संतन को सर्वस, ये बृज को माखन चोर।।
री देखो माई ये वडभागी मोर।।
कान्हा मोर बनि आये कान्हा मोर बनि आये।
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