संगकीर्तन शबरी की निष्ठा अत्यंत सुदृढ़ थी, उनका प्रेम और विशवास बिलकुल कठोर था की एक दिन प्रभु श्री राम जी अवश्य उनके घर आएंगे, और उसक...
संगकीर्तन
शबरी की निष्ठा अत्यंत सुदृढ़ थी, उनका प्रेम और विशवास बिलकुल कठोर था की एक दिन प्रभु श्री राम जी अवश्य उनके घर आएंगे, और उसके भाग खुल जाएंगे, रोटी तड़पती, हमेशा इन्तजार करती है की राम आ गए, राम आ रहे है, किन्तु वृद्धा अवस्था में पहुँच गयी राम नहीं आये, लकिन भरोसा नहीं छोड़ती है, और हमेशा यही गाती है..... मेरी झोपडी के भाग आज खुल जायेंगे ....राम आएंगे,
जैसा की मेरे ब्लॉग का नाम डिवीने लव और संगकीर्तना है तो आइये माँ शबरी के इस भाव को भाई रमेश भाई ओझा जी के इस संगकीर्तन के माध्यम से हमारा भाव बना ले और हम भी गाये...........सुनिए नीचे लिंक पर क्लिक करके बहुत ही मधुर भजन.......
https://soundcloud.com/user-990083408/meri-kutiya-de-bhag-aaj-khul-jaan-ge
COMMENTS