शक्ति का अवतार है बेटी भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है, जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है क्या हुआ ऐ...
शक्ति का अवतार है बेटी
भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है,
जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है
क्या हुआ ऐसा अब जो चारो तरफ फैला हाहाकार है
बेटी बचाओ अस्मिता लूट रही कैसा अत्याचार है
हर नारी जो सीता , मीरा और दुर्गा की पुकार है
क्यों सती सावित्री अनसुइया की धरा शर्मशार है?
उसी देवी के रूप से ये कैसे बलात्कार है ?
भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है,
जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है
क्यों मानव अधीर हो गया अपनी मानवता को खोता है,
करनी करे राक्षसों के जैसी और बनकर इंसान वो सोता है,
माँ,बहनो की इज्जत लूटकर एकपल बहुत ही खुश होता है,
नहीं मालूम तेरी कूकरनी पर तेरा, पूरा ही वंश भी रोता है,
तुम्हारे ही करम बनते तेरा व्यवहार है ........
भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है,
जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है
मांस - मदिरा पी-पी कर क्यों नरभक्षी बन जाते हो
आदमी होकर क्यों तुम पशु से बदतर बन जाते हो ?
माँ बहन बेटी सब दुर्गा यह सत्य तुम कैसे भूल जाते हो
शक्ति का अवतार है बेटी, जिससे दो-दो कुल तर जाते है
लक्ष्मी और सरस्वती का है ये अवतार है
भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है,
जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है
रावण साधु कहलाया गया कलियुगी लीलावाले बाबाओ के आगे
सीताहरण किया पर नहीं कुदृष्टि से देखा झुका सतीत्व के आगे
क्यों इंसान आज का वहशी दरिंदा बन नाच रहा विषयो के आगे?
क्या वो भूल गया नारी माँ है क्या शर्म नहीं आती जननी के आगे?
माँ बेटे, भाई बहन का रिश्ता क्यों शर्मसार है
भारत देश ये मेरा जहाँ राम,कृष्ण हुए साकार है,
जिस भूमि के कण कण में मानवता के संस्कार है
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