Shree Hita Ambrish Ji Download Link and lyrics Download Here तुम बिन मेरी कौन खबर ले तुम बिन मेरी कौन खबर ले,गोवर्धन ग...
Download Link and lyrics
Download Here
तुम बिन मेरी कौन खबर ले
तुम बिन मेरी कौन खबर ले
तुम बिन मेरी कौन खबर ले,गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे..
गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे......
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुण्डल की छब्बी न्यारी रे न्यारी रे.......
तुम बिन मेरी कौन खबर ले,गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे..
गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे......
भरी सभा में द्रोपदी पुकारी रखो लाज हमारी गिरधारी रे, गिरधारी रे ........
तुम बिन मेरी कौन खबर ले,गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे..
गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे......
मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे चरण शरण बलिहारी गिरधारी रे....
तुम बिन मेरी कौन खबर ले,गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे..
गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे......
गोवर्धन गिरधारी इ इ इ इ इ इ, गोवर्धन गिरधारी, गिरधारी रे......
संगकीर्तन में भावो का ही महत्व है,यदि भावो के तार श्री हरि चरणों से जुड़ जाए तो संगकीर्तन सफल हो जाता है और प्रभु की प्राप्ति सुलभ हो जाती है, जैसे कि मीरा बाई जी के भाव, ऐसे ही एक भाव कि प्रस्तुति श्री हित अंबरीष जी कि मधुर वाणी में प्रस्तुत है जोकि न केवल भावो को प्रभु के संग जोड़ने में सहायक है, बल्कि हमारे भावो को दिव्यता कि उच्चतम सीमा तक ले जा सकती है, आइये श्रवण करे और सहेज कर (डाउनलोड) अपने मोबाइल में रखे ताकि जब भी संगकीर्तन का मन हो शुरू हो जाए,
जय श्री राधावल्लभ लाल
COMMENTS