मीरा बाई जी का केवल नाम ही श्रवण होने से गिरधर गोपाल की छवि आंखो के सामने आ जाती है, उनके द्वारा गाये भजनो को सुनकर तो हृदय ...
मीरा बाई जी का केवल नाम ही श्रवण होने से गिरधर गोपाल की छवि आंखो के सामने आ जाती है, उनके द्वारा गाये भजनो को सुनकर तो हृदय में साक्षात् मोहन की मूरत प्रगट होने लगती है, उन्ही का एक बहुत ही सूंदर भाव जो ह्रदय को कृष्ण प्रेम से सराबोर कर देगा प्रस्तुत कर रहा हूँ श्री राधाकृष्ण जी महाराज की मधुर वाणी में जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड भी कर सकते है ताकि बार बार सुनकर आनंद ले सके....जय श्री गिरधरगोपाल जी
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घुंघरू छम छमा छम,छन नन नन बाजे रे बाजे रे,हरि मन्दिर रे माय माहि मीरा नाचे रे,
सांप पिटारा राणा भेज्या देओ मीरा ने जाए
खोल पिटारी देखियो रे माय बैठ्या गोपाल
घुंघरू छम छमा छम,छन नन नन बाजे रे बाजे रे,हरि मन्दिर रे माय माहि मीरा नाचे रे,
जहर रा पियाला राणा भेज्या देओ मीरा ने जाय
कर चरणामृत पि गयी रे, तू जाने गोपाल
घुंघरू छम छमा छम,छन नन नन बाजे रे बाजे रे,हरि मन्दिर रे माय माहि मीरा नाचे रे,
मीरा नाचे मेड़ता में सखिया मंदिर माहि
मेरा बजावे घुगरा रे सखिया बजावे ताल
घुंघरू छम छमा छम,छन नन नन बाजे रे बाजे रे,हरि मन्दिर रे माय माहि मीरा नाचे रे,
मीरा बाई री बिनती रे सुणजो सिरजनहार
सब भक्ता ने दर्शन दीजो द्वारिका रा नाथ
घुंघरू छम छमा छम,छन नन नन बाजे रे बाजे रे,हरि मन्दिर रे माय माहि मीरा नाचे रे,
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