जैसा कि हम सब जानते हैं कुतुबुद्दीन ऐबक घोड़े से गिर कर मरा था। लेकिन किस घोड़े पर से और कैसे ? महाराणा प्रताप का घोडा "चेतक ...
जैसा कि हम सब जानते हैं कुतुबुद्दीन ऐबक घोड़े से गिर कर मरा था।
लेकिन किस घोड़े पर से और कैसे ?
महाराणा प्रताप का घोडा "चेतक " सबको याद है।
लेकिन "शुभ्रक " नाम के सबसे वफादार घोड़े को कोई जनता तक नहीं।
आज हम आपको "शुभ्रक " के बारे में बताते हैं।
कुतुबद्दीन ऐबक ने राजपूत साम्राज्य पर अतिकर जुल्म किये और राजपूतों के उदयपुर के कुंवर करणसिंह को लाहौर बंदी बना कर ले गया था।
कुतुबुद्दीन ऐबक को कुंवर का "शुभ्रक" नामक घोडा बहुत पसंद आया इसलिए साथ में उसको भी ले गया।
एक दिन कैद के भागने के प्रयास में कुंवर को मृत्युदंड दे दिया गया। और तय हुआ कि " जन्नत बाग़ " में कुंवर की गर्दन काट के उस से गेंद बना कर डंडों से मार कर खेला जायेगा।
कुतुबुद्दीन ऐबक "शुभ्रक " पर सवार हो कर जन्नत बाग़ में आया।
शुभ्रक ने जैसे की अपने स्वामी को कैद में देखा तो उसकी आंखों से आंसू आ गए , और जब सर काटने के लिए कुंवर की जंजीरों को खोला गया तो "शुभ्रक" ये सहन नहीं कर पाया , उसने तत्काल सूअर कुतुबुइद्दीन ऐबक को नीचे पटक दिया। और उसकी छाती पर तब तक वॉर करता रहा जब तक उसके प्राण नहीं निकल गए।
इस्लामी सैनिक ये सब देखते रह गए।
समय का फायदा उठा कर कुंवर सा तत्काल शुभ्रक पर सवार हो गए। "शुभ्रक " ने हवा से भी तेज दौड़ लगा दी और उदयपुर महल के सामने आ कर की रुका।
कुंवर सा ने उतर कर उसको दुलार करना चाहा ,लेकिन शुभ्रक के प्राण अब उसके शरीर में नहीं थे वो जमीं पर जा गिरा।
भारतीय इतिहास में ये इसलिए नहीं पढ़ाया जाता क्योंकि इतिहास इस्लाम परस्त है। ...
अधिक से अधिक शेयर करें। . लोगों तक भारतीय हिन्दुओं का वीरगाथा का इतिहास बताएं।
कुछ इस्लाम पक्षी वेबसाइट इसको मिथ्या बना कर भी पेश कर रहे हैं। और हिन्दू राजाओं का मजाक भी उड़ा रहे हैं।
-------- राहुल शुक्ला। ..
COMMENTS