लिखने की शुरुआत करने से पहले में जानता हूँ कि बहुत लोगों को मेरी बातें गले नहीं उतरेंगी। और वही लोग पुरुष और नारी की बराबरी की दुहा...
लिखने की शुरुआत करने से पहले में जानता हूँ कि बहुत लोगों को मेरी बातें गले नहीं उतरेंगी।
और वही लोग पुरुष और नारी की बराबरी की दुहाई देंगे। विवेकशील लोग समझ सकते हैं कि अगर नारी और पुरुष सामानता ही बनानी थी तो भगवान ने दोनों को अलग क्यों बनाया। बहुत से कार्यक्षेत्र ऐसे हैं जिनमें दोनों बराबरी का हिस्सा रखते हैं लेकिन कुछ विशेष कार्यों के लिए नारी और पुरुषों को अलग होना ही पड़ता है। यहाँ कम-ज्यादा छोटे-बड़े या ऊँचे-निचे की बात नहीं है। नारी के बहुत से कार्य ऐसे हैं जिन्हे पुश कभी नहीं कर सकता और पुरुष के भी कार्यों को नारी नहीं कर सकती।
अब मुख्य विषय पर आते हैं जिन्हे बिंदु बना कर रखा है। आधुनिक सभ्यता ने नारी को क्या दिया है ?
1-बिजनेस और कॉर्पोरेट जगत ने विज्ञापन द्वारा नारीत्व को खरीद लिया है। औरत की देह का भरपूर इस्तेमाल होता है अधिकांश विज्ञापनों में। और टीवी चेनलो द्वारा उस अंग प्रदर्शन को दूर दूर देखा जाता है।
2-वर्तमान में फैशन शो और कैटवॉक में बहरी वस्त्रों के साथ अंदर के वस्त्रों का भी भरपूर प्रदर्शन किया जाता है और कुछ विशेष चैनलों द्वारा उसको पुरे विश्व में दिखाया जाता है।
3-वर्तमान के सिनेमा जगत ने तो अश्लीलता के सारे रिकार्ड्स तोड़ के रख दिए हैं। अभद्र तरीके से आज की एक्ट्रेसेस अंग प्रदर्शन करती हैं और बाद में उसी अभिनय पर स्वयं पर गर्व करती है।
4- हाई क्लास की फ्रेन्शिप क्लब और कॉल सर्विसेज
5-पैसे वाले लोग अच्छी नौकरी नहीं दे सकते किसी लड़की को लेकिन महंगी कॉल गर्ल्स किराये पर ले सकते हैं। थोड़ा बुरा लगेगा लेकिन ये भी सच है कि वर्तमान के बढ़ते शौक के कारण भी लड़कियां कॉल गर्ल्स बनना पसंद करती हैं।
5-डिस्को और अश्लील क्लबों में नग्नता के साथ नाच , और रंगमंच के नाम पर खुलेआम समाज में अश्लील नृत्य।
6-छेड़-छड़ की घटनाएं और जहाँ औरत नौकरी करती है वहाँ सीनियर द्वारा यौन उत्पीड़न।
7-आज के समय में २ वर्ष से लेकर ८० वर्ष तक की महिला का बलात्कार , और ये इतनी छोटी घटना बन गयी है की लोग अख़बार में पढ़कर अनदेखा सा कर देते हैं।
8-विधवा आश्रम की विधवा सुरक्षित नहीं। बालिका संरक्षण गृह की बच्चियां सुरक्षित नहीं।
9-विवाहित स्त्रियाँ पराये मर्द से सम्बन्ध बनाती हैं और पुरुष परायी औरतों से।
10-वर्तमान समय में कोई रिश्ता सलामत नहीं बचा , चाहे बाप हो भाई हो मां हो चचा हो अन्य कोई भी हो ,
और बलात्कार जैसे केस में 67 प्रतिशत नजदीकी रिश्तेदार होता है।
11-अविवाहित रूप से नारी-पुरुष के बीच पति-पत्नी का सम्बन्ध (Live-in-Relation) पाश्चात्य सभ्यता का ताज़ा तोह्फ़ा. स्त्री का सम्मानपूर्ण 'अपमान
12-सहमती यौन-क्रिया (Fornication) की अनैतिकता को मानव-अधिकार (Human Right) नामक 'नैतिकता का मक़ाम हासिल
यह ग्लानिपूर्ण दुखद चर्चा हमारे भारतीय समाज और आधुनिक समाज को अपनी अक्ल से तौलने के लिए तो है ही साथ ही नारी को स्वयं यह चुनना होगा कि गरीमा पूर्ण जीवन जीना है या जिल्लत से.
नारी जाति की उपरोक्त दयनीय, दर्दनाक व भयावह स्थिति के किसी सफल समाधान तथा मौजूदा संस्कृति सभ्यता की मूलभूत कमजोरियों के निवारण पर गंभीरता, सूझबूझ और इमानदारी के साथ सोच-विचार और अमल करने के आव्हान के भूमिका-स्वरुप है.
- राहुल शुक्ला
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