जीवन में सफलता कैसे मिले ? जीवन में सफलता के मायने सभी के लिए अलग अलग है, किसी के लिए बहुत धनवान होना सफलता है, किसी के लिए समाज मे...
जीवन में सफलता कैसे मिले ?
जीवन में सफलता के मायने सभी के लिए अलग अलग है, किसी के लिए बहुत धनवान होना सफलता है, किसी के लिए समाज में नाम ख्याति पाना सफलता है, चोर के लिए किसी बड़ी चोरी करने पर सफलता होती है, किसी सेल्स वाले के लिए अपना लक्ष्य पाकर सफलता होती है, विद्यार्थियों की सफलता ज्यादा से ज्यादा मार्क्स हासिल करना है, इसलिए हर सख्स के लिए सफलता के मायने अलग अलग है,
जीवन में सुख शान्ति और आनंद का अनुभव होना भी सफलता है, आइये आज इस लेख में हम स्वयं तय करें की हमारी सफलता की परिभाषा क्या है? अपने अपने जीवन की सफलता की परिभाषा तय स्वयं आप ही कीजिये और फिर इस लेख को पढ़िए,आप अवश्य जीवन में सफल हो जाएंगे
“संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु समय ही है”| लेकिन वर्तमान में ज्यादातर लोग निराशामय जिंदगी (Life) जी रहे है और वे इंतजार कर रहे होते है कि उनके जीवन में कोई चमत्कार होगा, जो उनकी निराशामय जिंदगी को बदल देगा| किन्तु चमत्कार के लिए भी पुरुषार्थ की आवश्यकता है, कोई भी चमत्कार ऐसे ही नहीं हो जाता, अपना पुरुषार्थ कदापि नहीं छोड़ना चाहिए, चमत्कार आज व अभी से शुरू होगा और उस चमत्कार को करने वाले व्यक्ति आप ही है, क्योंकि उस चमत्कार को आप के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता |
इस शुरुआत के लिए हमें अपनी सोच व मान्यताओ (beliefs) को बदलना होगा, क्योंकि सकारात्मक विचारो से ही अच्छी ऊर्जा का प्रवाह होता है, हमारी सोच का हमारे मनः मष्तिस्क पर पूर्ण प्रभाव पड़ता है, यदि हम उच्च विचार और अच्छा सोचते जाएंगे तो जीवन में सब अच्छा होता जाएगा,
“हमारे साथ वही होता है जो हम मानते है|”
(We are responsible for What we are)
सबसे पहले हमें इस गलत धारणा (Wrong Belief) को बदलना होगा कि हमारे साथ वही होता है जो भाग्य में लिखा होता है| क्योंकि ऐसा होता तो आज हम ईश्वर (God) की पूजा न कर रहे होते बल्कि उन्हें बदुआएं दे रहे होते| हमारे साथ जो कुछ भी होता है उसके जिम्मेदार हम स्वंय होते है, इसलिए खुश रहना या ना रहना हम पर ही निर्भर (depend) करता है |
जीवन में हम से बहुत सी गलतियां होती है, होनी भी चाहिए, क्योंकि गलती वही करेगा, जो कुछ कार्य करता है, जो कुछ नहीं करते तो वह गलती भी कैसे करेंगे? किन्तु गलती हो जाने पर उसे स्वीकार करना अति आवश्यक है, किसी दूसरे को उसका दोषी नहीं ठहराना चाहिए, क्योंकि आज गलती का जिम्मेदार दूसरे को बना डोज कल सही काम का प्रोत्साहन या वहवाही स्वयं चाहोगे तो यह उचित नहीं है, इसलिए अपने कार्य के प्रति अपना पूरा उत्तरदायित्व स्वयं लो, आज गलती हो गयी कोई बात नहीं दोबारा प्रयास करेंगे,
आत्मविश्वास (Self confidence) ही सफलता (Success) की नींव है,
इस दुनिया में नामुनकिन कुछ भी नहीं है – Nothing is Impossible in this world| आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन किसी भी कार्य को करने में असफलता होने का “डर” (Fear of Failure) है एंव डर को हटाना है तो वह कार्य अवश्य करें जिसमें आपको डर लगता है | आत्मविश्वास को दृढ करने के लिए मन से डर को निकलना आवश्यक है, क्यों डरना? क्या तुम गलत कार्य कर रहे हो? क्या तुम्हारे कार्य का उद्देश्य किसी को हानि पहुँचाना है? क्या कानून के विरुद्ध कार्य कर रहे हो? मनुष्य जब भी डरता है उसके दो कारण हो सकते है, या तो जो कार्य करने वाले है वह गलत है, या तो मजबूर हो या लाचार, बेबस हो, किन्तु सही स्थितियों में कोई भी डर के कारण अपने आत्मविश्वास को नहीं छोड़ना चाहिए,
आत्मनिर्भर बनें
वर्तमान में जिएं (Live in Present)
वर्तमान स्थिति को जीना ही जीवन है, भविष्य के बारे में केवल उतना ही सोचना ठीक है जितना वर्तमान स्थिति के अनुरूप हम सोच सके, ज्यादा सोचने का लाभ नहीं होता, समय के अनुसार देश, काल, स्थितियां बदलती रहती है, जोकि हमारे वश में है ही नहीं, ऐसी बातों को सोचकर आज की स्थिति को क्यों बिगाड़ना, जो घटित नहीं हुआ है उसे सोच सोच कर अभी को क्यों व्यर्थ करना? क्योंकि यह आर्टिकल कोरोना के समय लिख रहा हूँ, तो इसी काल का उद्धरण ले सकते है, क्या यह स्थिति हमारे हाथ में थी, क्या अभी भी आने वाले समय की परस्थितियां हमारे हाथ में है? यदि नहीं है तो अभी सोचकर क्या कर सकते है? केवल जो अभी जी रहे है उसे भी दुखित कर लोगे, यदि बाद में मरना भी होगा तो सोच सोच कर अभी मर जाओगे, इसलिए वर्तमान को जियो, इसी को सँवारो,
“words can change the world”
“words can change the world” (शब्द संसार बदल सकते है|) "वाणी ऐसी बोलिये मन का आप खोय औरन को शीतल करे आपहु शीतल होये"
Communication skills को बड़े बड़े organisations में बहुत महत्व दिया जाता है, प्रोफेशनल कोर्स में इसे एक अलग विषय के रूप में पढ़ाया जाता है, क्योंकि मनुष्य के बोलने का तौर तरीका, आव - भाव उसके शब्दों का चयन ही उसके बारे में बहुत कुछ प्रगट कर देता है, इसलिए बोलना और अच्छा बोलना जीवन की सफलता का मुख्य मन्त्र है, फिर चाहे वह विद्यार्थी जीवन हो, गृहस्थी की बात हो, प्रोफेसनल लाइफ हो सब जगह वाणी बहुत महत्व पूर्ण है,
सोच समझ कर बोलना, कम शब्दों में ज्यादा बात कहना, व्यर्थ की बातें न करना, अच्छाई खोजना, तारीफ़ करना, दुसरे की बात को सुनना एंव महत्त्व देना, विनम्र रहना, गलतियाँ स्वीकारना इत्यादि वार्तालाप के कुछ basic नियम है |
संक्षेप में, जीवन में सफलता के लिए सदैव सकारात्मक सोचना, आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना, अपने आप को ऊर्जावान बनाये रहकर आगे बढ़ना आवश्यक है, स्वामी विवेकानंद जी कथित वाक्य को याद रखिये, " उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये। ... "
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